मेरी तेजस्वी पत्नी, नताली अल्बा, उत्सुकता से अपने दोस्त पर चढ़ती है, उनके शरीर जोशीले लय में डूबे हुए हैं। जब वह सवारी करती है तो उसके सुनहरे बालों वाली ट्रेस उड़ते हैं, उसका आनंद उसके आनंद में झलकता है। उनका चरमोत्कर्ष, गर्म शुक्राणु का प्रलय, उनकी साझा परमानंद का एक वसीयतनामा है।